राजा सत्यव्रत की कथा भाग 1
राजा सत्यव्रत की कथा भाग 1 महाराज मेरी भोलेनाथ की कथा ऐसी ही नहीं वे अपने भक्तों के लिए नंगे पैर दौड़े चले आते हैं ऐसे कथा सत्य भगवान सत्य व्रत की कथा जिसमें भगवान उसके बच्चे की रक्षा की अपने 19 अवतारों में शोध में अवतार भिक्षुवर्य अवतार चलो जानते हैं और सुनते हैं यह कहानी राजा सत्यव्रत की कथा भाग्य 1 शिव पुराण में भगवान शिव के अनन्य भक्त राजा सत्यव्रत का वर्णन मिलता है। सत्यव्रत विदर्भ नरेश सत्यव्रत आठों पहर भगवान भोलेनाथ की आराधना में लगा रहता था। आराधना में दिन और रात उसके लिए समान थे। ऐसा कोई पल ऐसी कोई घड़ी या ऐसा कोई दिन नहीं होता था जिसमें सत्यव्रत भगवान भोलेनाथ की आराधना में लीन न रहें हो। भगवान भोलेनाथ में अगाध भक्ति प्रेम के उपरांत भी वह अपने राज्य की जनता को हमेशा खुश रखने का प्रयास करते। उनके राज्य में जनता बहुत सुखी और प्रसन्न थी। प्रजा को जब भी कोई परेशानी होती तो राजा उसे तुरंत दूर करते और राज्य के कल्याण में अपनी धन-संपदा का उपयोग करते। राजा सत्यव्रत के कार में धन केवल दो ही कल्याण कार्य में लगता या तो धर्म कल्याण में या फिर जन कल्याण में तीसरी जगह धन के लगने का कोई स्