भजन गोवर्धन परिक्रमा
भजन :–> गोवर्धन परिक्रमा तर्ज :–> सावन का महीना पवन करे सोर गोवर्धन बाबा में तो आया तेरे द्वार कैसे लगाऊं परिक्रमा अरे हो रही भीड़ अपार होओओ गोवर्धन बाबा में तो आया तेरे द्वार कैसे लगाऊं परिक्रमा अरे हो रही भीड़ अपार होओओ कोई मुझे बोला आकरके मेरे पास करते हो परिक्रमा पैदल तुम चप्पल देओ उतारे होओओ गोवर्धन बाबा में तो आया तेरे द्वार कैसे लगाऊं परिक्रमा अरे हो रही भीड़ अपार होओओ रात को शहर जाना तुम करना बेड़ा पार दान घटिया आकर चढ़ाई दूध की धार माथा टेकके मांगू दे दो रे शक्तियों पर गोवर्धन बाबा में तो आया तेरे द्वार कैसे लगाऊं परिक्रमा अरे हो रही भीड़ अपार होओओ धीरे धीरे चल के पहुंचे हैं पूछरी पास वहीं पर लोटा देखा तुम्हारा लौठा यार उनको लेटे लेटे समय हुआ अपार गोवर्धन बाबा में तो आया तेरे द्वार कैसे लगाऊं परिक्रमा अरे हो रही भीड़ अपार होओओ आगे जाते जाते पहुंचे मुखारविंद द्वार दर्शन पाकर तुम्हारे हुआ है हर्ष अपार हाथ जोड़ विनती करूं करियो मेरा उद्धार गोवर्धन बाबा में तो आया तेरे द्वार कैसे लगाऊं परिक्रमा अरे हो रही भीड़ अपार होओओ आगे जाते जाते आया मोड़ यही समाप्त होता पहली बड़