शिव के 19 अवतार और एकादश रूद्र
शिव के 19 अवतार और एकादश रूद्र ॥ भगवान शिव के 19 अवतारों की कथा ॥ 1. पिप्पलाद अवतार मानव जीवन में भगवान शिव के पिप्पलाद अवतार का बड़ा महत्व है। शनि पीड़ा का निवारण पिप्पलाद की कृपा से ही संभव हो सका। कथा है कि पिप्पलाद ने देवताओं से पूछा- क्या कारण है कि मेरे पिता दधीचि जन्म से पूर्व ही मुझे छोड़कर चले गए? देवताओं ने बताया शनिग्रह की दृष्टि के कारण ही ऐसा कुयोग बना। पिप्पलाद यह सुनकर बड़े क्रोधित हुए। उन्होंने शनि को नक्षत्र मंडल से गिरने का श्राप दे दिया। शाप के प्रभाव से शनि उसी समय आकाश से गिरने लगे। देवताओं की प्रार्थना पर पिप्पलाद ने शनि को इस बात पर क्षमा किया कि शनि जन्म से लेकर 16 साल तक की आयु तक किसी को कष्ट नहीं देंगे। तभी से पिप्पलाद का स्मरण करने मात्र से शनि की पीड़ा दूर हो जाती है। शिव महापुराण के अनुसार स्वयं ब्रह्मा ने ही शिव के इस अवतार का नामकरण किया था। अर्थात ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर सुवर्चा के पुत्र का नाम पिप्पलाद रखा। पिप्पलादेति तन्नाम चक्रे ब्रह्मा प्रसन्नधीः। शिवपुराण शतरुद्रसंहिता 24/61 2. नंदी अवतार भगवान शंकर का नंदीश्वर अवतार सभी जीवों से प्रेम का संदेश